
Introduction: The Changing Landscape of Artificial Intelligence and Recruitment
AI Hiring Bias : आज के डिजिटल युग में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) ने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। रिक्रूटमेंट (Recruitment) और हायरिंग (Hiring) प्रक्रियाओं में भी AI की भूमिका तेजी से बढ़ रही है। मैकिन्से की 2025 की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग सभी कंपनियां AI में निवेश कर रही हैं, लेकिन केवल 1% ही परिपक्व अवस्था में हैं। एक ओर जहां यह तकनीक भर्ती प्रक्रियाओं को अधिक कुशल, तेज और व्यवस्थित बनाने का वादा करती है, वहीं दूसरी ओर “AI Hiring Bias” यानी AI नौकरी भर्ती में पूर्वाग्रह की समस्या चिंता का विषय बनती जा रही है। McKinsey & Company
AI आधारित भर्ती प्रणालियां कैसे पूर्वाग्रह पैदा कर सकती हैं और इससे होने वाले भेदभाव से भारत सहित विश्व भर में उम्मीदवारों और संगठनों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है? इस लेख में हम इन प्रश्नों की गहराई से पड़ताल करेंगे और समाधानों पर चर्चा करेंगे।
AI and Recruitment: The Current Scenario | AI और रिक्रूटमेंट
भारत में AI आधारित भर्ती का विकास (Growth of AI-Based Recruitment in India)
भारत में AI आधारित रिक्रूटमेंट तेजी से बढ़ रहा है। 2025 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में AI वर्कफोर्स (workforce) में 33.4% की वृद्धि देखी गई है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक है। इंडियन IT हायरिंग सेक्टर में 2025 में रिकवरी की उम्मीद है, जिसमें AI और डेटा साइंस के विशेष कौशल पर फोकस किया जाएगा। Staffing Industry
2025 में जारी TeamLease EdTech की कैरियर आउटलुक रिपोर्ट के अनुसार, 74% से अधिक नियोक्ता फ्रेशर्स को नौकरी देने की योजना बना रहे हैं। AI-आधारित टूल्स का उपयोग रिज्यूमे स्क्रीनिंग (resume screening), वीडियो इंटरव्यू (video interview) और स्किल्स असेसमेंट (skills assessment) में तेजी से बढ़ रहा है। NDTV Profit
AI-आधारित भर्ती के फायदे (Benefits of AI-Based Recruitment)
AI तकनीक ने भर्ती प्रक्रिया में अनेक सुधार किए हैं:
- समय और लागत में कमी (Time and Cost Reduction): AI सिस्टम हजारों रिज्यूमे को मिनटों में स्कैन कर सकते हैं
- बेहतर मैचिंग (Better Matching): उम्मीदवार और नौकरी के बीच कौशल और आवश्यकताओं का बेहतर मिलान
- वृहत डेटा विश्लेषण (Big Data Analysis): बड़ी मात्रा में डेटा से पैटर्न और अंतर्दृष्टि प्राप्त करना
- कैंडिडेट एक्सपीरियंस (Candidate Experience): आवेदकों को त्वरित फीडबैक और सूचनाएं प्रदान करना
AI नौकरी भर्ती में पूर्वाग्रह के प्रकार (Types of AI Hiring Bias)
हालांकि AI प्रक्रियाओं को अधिक निष्पक्ष बनाने का वादा करती है, लेकिन वास्तविकता अलग है। AI सिस्टम अक्सर अपने डेटा सेट से सीखते हैं, और यदि वह डेटा पूर्वाग्रहपूर्ण है, तो AI भी वही पूर्वाग्रह सीख जाता है।
1. जेंडर बायस (Gender Bias)
भारत सहित अनेक देशों में, AI सिस्टम अक्सर पुरुष उम्मीदवारों को अधिक वरीयता दे सकते हैं, खासकर तकनीकी और नेतृत्व पदों के लिए। UN Women की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, हायरिंग से लेकर हेल्थकेयर डायग्नोसिस तक, AI सिस्टम जेंडर असमानताओं को बढ़ा सकते हैं जब वे पूर्वाग्रहपूर्ण डेटा पर प्रशिक्षित होते हैं। UN Women
उदाहरण: एक बड़ी भारतीय IT कंपनी के AI रिक्रूटमेंट टूल ने पाया गया कि वह “माता की भूमिका” वाली महिला उम्मीदवारों के प्रति पूर्वाग्रह दिखा रहा था, जिससे कई योग्य महिलाओं को अवसरों से वंचित किया गया।
2. जातिगत और भाषाई पूर्वाग्रह (Racial and Linguistic Bias)
भारत के संदर्भ में, AI सिस्टम क्षेत्रीय, जातिगत और भाषाई पूर्वाग्रह प्रदर्शित कर सकते हैं। उम्मीदवारों के नाम, शैक्षिक संस्थान, या भौगोलिक स्थान के आधार पर अनजाने में भेदभाव हो सकता है।
IndiaAI की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ विशिष्ट शैक्षिक संस्थानों से आने वाले उम्मीदवारों को अनुचित वरीयता देना AI सिस्टम में एक आम समस्या है, जिससे समान योग्यता वाले अन्य योग्य उम्मीदवार पीछे रह जाते हैं। IndiaAI
3. आयु आधारित भेदभाव (Age-Based Discrimination)
AI सिस्टम अक्सर अधिक उम्र के उम्मीदवारों के प्रति पूर्वाग्रह दिखा सकते हैं। AIBase के अनुसार, एक सर्वेक्षण में 90% एचआर पेशेवरों ने स्वीकार किया कि AI उद्योग में उम्र आधारित भेदभाव एक गंभीर समस्या है। AIBase
4. विकलांगता आधारित पूर्वाग्रह (Disability Bias)
2025 में, अमेरिकी नागरिक अधिकार अधिवक्ताओं ने इंटुइट और हायरव्यू के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसमें आरोप लगाया गया कि उनके AI हायरिंग तकनीक बधिर और गैर-श्वेत आवेदकों के लिए बेहतर काम नहीं करती। यह मुद्दा वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक है, जिसमें भारत भी शामिल है। ACLU
प्रमुख AI भर्ती विवादों के केस स्टडी (Case Studies of Major AI Hiring Controversies)
वर्कडे (Workday) मामला: AI हायरिंग टूल में जातिगत भेदभाव
2024 में, कैलिफोर्निया में एक संघीय अदालत ने वर्कडे के खिलाफ एक भर्ती भेदभाव मुकदमे को आगे बढ़ने की अनुमति दी। आरोप था कि कंपनी का एल्गोरिथमिक निर्णय लेने वाले टूल अफ्रीकी-अमेरिकी नौकरी आवेदकों के साथ भेदभाव करते हैं। यह मामला वैश्विक स्तर पर AI हायरिंग टूल्स के निर्माताओं और उपयोगकर्ताओं के लिए एक अहम सबक है। Clark Hill
इंडिया स्पेसिफिक केस: शैक्षिक संस्थान आधारित पूर्वाग्रह
भारत में एक बड़ी टेक कंपनी ने AI रिक्रूटमेंट सिस्टम का इस्तेमाल शुरू किया, जिसने अनजाने में कुछ प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्रों को अधिक वरीयता दी। इसका परिणाम यह हुआ कि कई प्रतिभाशाली लेकिन कम प्रसिद्ध संस्थानों से आने वाले उम्मीदवारों को अनुचित रूप से अस्वीकार कर दिया गया। FlyRank
इंडियन IT सेक्टर में AI नौकरी भर्ती विवाद
2024-25 में, कई भारतीय IT कंपनियों ने AI-आधारित “वन-वे इंटरव्यू स्क्रीनिंग टेस्ट” का उपयोग शुरू किया, जिससे कई उम्मीदवारों को नकारात्मक अनुभव हुए। सोशल मीडिया पर आए कई पोस्ट्स में उम्मीदवारों ने बताया कि कैसे उन्हें इन AI सिस्टम की अपारदर्शी प्रकृति के कारण नौकरी के अवसरों से वंचित होना पड़ा। Reddit

AI नौकरी भर्ती में पूर्वाग्रह के कारण (Causes of AI Hiring Bias)
1. अपर्याप्त और असंतुलित ट्रेनिंग डेटा (Insufficient and Unbalanced Training Data)
AI सिस्टम उसी डेटा से सीखते हैं जिससे उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है। यदि ट्रेनिंग डेटा में विविधता की कमी है या यह ऐतिहासिक भेदभाव को दर्शाता है, तो AI सिस्टम भी उसी पूर्वाग्रह को दोहराएगा।
उदाहरण: यदि किसी तकनीकी कंपनी में पहले से ही पुरुषों की संख्या अधिक है, तो उनके डेटा पर प्रशिक्षित AI नई भर्तियों में भी पुरुषों को प्राथमिकता दे सकता है।
2. अल्गोरिदम में पूर्वाग्रह (Algorithmic Bias)
AI अल्गोरिद्म्स कभी-कभी ऐसे फैक्टर्स को अधिक महत्व दे सकते हैं जो भेदभाव को बढ़ावा देते हैं। नेचर के एक अध्ययन के अनुसार, एल्गोरिथमिक पूर्वाग्रह जेंडर, रेस, रंग और व्यक्तित्व लक्षणों के आधार पर भेदभावपूर्ण हायरिंग प्रैक्टिस का कारण बनता है। Nature
3. डेवलपर्स का अनजाना पूर्वाग्रह (Unconscious Bias of Developers)
AI सिस्टम के डेवलपर्स अनजाने में अपने स्वयं के पूर्वाग्रहों को सिस्टम में शामिल कर सकते हैं, जिससे तकनीकी रूप से भेदभावपूर्ण परिणाम निकल सकते हैं।
4. सांस्कृतिक और सामाजिक पूर्वाग्रह (Cultural and Social Bias)
खासकर भारत जैसे विविध देश में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम भाषा, क्षेत्र, या सामाजिक वर्ग के आधार पर अनजाने में भेदभाव कर सकते हैं। Unite.AI के अनुसार, AI में नस्लीय पूर्वाग्रह तब होता है जब AI मॉडल का परिणाम किसी व्यक्ति या समूह के लिए उनकी जातीयता या नस्ल के आधार पर भेदभावपूर्ण और अनुचित होता है। Unite.AI
AI नौकरी भर्ती पूर्वाग्रह का प्रभाव (Impact of AI Hiring Bias)
1. आवेदकों पर प्रभाव (Impact on Applicants)
योग्य उम्मीदवारों को अवसरों से वंचित होना पड़ता है, जिससे कैरियर विकास में बाधा आती है। BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, AI हायरिंग टूल्स सबसे योग्य नौकरी आवेदकों को फिल्टर आउट कर सकते हैं, और सॉफ्टवेयर सबसे अच्छे उम्मीदवारों को बाहर कर सकता है। BBC
2. संगठनों पर प्रभाव (Impact on Organizations)
कंपनियां विविधता के लाभों से वंचित रह जाती हैं, और कानूनी जोखिम का सामना कर सकती हैं। People Matters की एक रिपोर्ट के अनुसार, 78% भारतीय नियोक्ता AI का उपयोग HR में प्राथमिक रूप से भर्ती और हायरिंग प्रक्रियाओं के लिए करते हैं, लेकिन इससे जुड़े जोखिमों के प्रति जागरूकता कम है। BWPeople
3. सामाजिक प्रभाव (Societal Impact)
AI भेदभाव मौजूदा सामाजिक असमानताओं को और बढ़ा सकता है। अटमबर्ग के संस्थापक की चेतावनी के अनुसार, AI भारत में 40-50% व्हाइट-कॉलर नौकरियों को समाप्त कर सकता है, जिससे “मिडिल क्लास का अंत” हो सकता है। Economic Times
भारत में AI हायरिंग के लिए कानूनी और नियामक फ्रेमवर्क (Legal and Regulatory Framework for AI Hiring in India)
वर्तमान स्थिति (Current Status)
फरवरी 2025 तक, भारत में AI को विशेष रूप से नियंत्रित करने वाला कोई समर्पित कानून नहीं है। इसके बजाय, नियामक वातावरण में नीतियां, दिशानिर्देश और क्षेत्र-विशिष्ट नियम शामिल हैं जो सामूहिक रूप से AI डिप्लॉयमेंट के विभिन्न पहलुओं को संबोधित करते हैं। AZoRobotics
डिजिटल इंडिया एक्ट (Digital India Act)
अपेक्षित है कि जुलाई 2024 तक सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया जाएगा। यह कानून AI सेक्टर को नियंत्रित करेगा। Global Legal Insights
भारत के AI सलाहकार (India’s AI Advisory)
भारत का हालिया AI एडवाइजरी कहता है कि AI को अंतर्निहित पूर्वाग्रह या भेदभाव नहीं दिखाना चाहिए, और प्रदाताओं को संभावित पक्षपात और भेदभाव का खुलासा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। HR Executive
AI भर्ती पूर्वाग्रह को कम करने के उपाय (Measures to Reduce AI Recruitment Bias)
1. विविध ट्रेनिंग डेटा (Diverse Training Data)
सुनिश्चित करें कि AI सिस्टम विविध और प्रतिनिधि डेटा पर प्रशिक्षित हैं। भारतीय संदर्भ में, विभिन्न भाषाओं, क्षेत्रों और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि का प्रतिनिधित्व करने वाले डेटा का उपयोग महत्वपूर्ण है।
2. अल्गोरिथम ऑडिट और पारदर्शिता (Algorithm Audit and Transparency)
नियमित रूप से AI सिस्टम का ऑडिट करें और उनके निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करें। भारत में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम के उपयोग के बारे में उम्मीदवारों को सूचित करना महत्वपूर्ण है।
HR Times India की एक रिपोर्ट के अनुसार, AI टूल्स का उपयोग करने वाले 52% रिक्रूटर्स का मानना है कि वे विविध कार्यबल का निर्माण कर रहे हैं, लेकिन नियमित ऑडिट के बिना यह सुनिश्चित नहीं हो सकता। Economic Times
3. मानव निरीक्षण और हस्तक्षेप (Human Oversight and Intervention)
AI सिस्टम के निर्णयों की मानव समीक्षा सुनिश्चित करें, विशेष रूप से उच्च-स्तरीय या संवेदनशील पदों के लिए। Hyreo के अनुसार, AI नौकरी विवरण से पूर्वाग्रह पैदा करने वाले विवरण हटाकर, मानकीकृत मूल्यांकन का उपयोग करके, भेदभावपूर्ण भाषा का पता लगाकर और समान अवसर सुनिश्चित करके भर्ती पूर्वाग्रह को कम करता है। Hyreo
4. स्किल-आधारित मूल्यांकन (Skill-Based Assessment)
व्यक्तिगत विशेषताओं के बजाय कौशल और योग्यताओं पर ध्यान केंद्रित करें। X0PA AI के अनुसार, AI हायरिंग में मानव पूर्वाग्रह को कम करने के लिए वर्चुअल इंटरव्यू को मानकीकृत करना एक महत्वपूर्ण तरीका है। X0PA AI
5. नियमित प्रशिक्षण और जागरूकता (Regular Training and Awareness)
HR पेशेवरों और प्रबंधकों को AI पूर्वाग्रह के बारे में प्रशिक्षित करें और इसे पहचानने और कम करने के तरीके सिखाएं।
भविष्य में AI भर्ती पूर्वाग्रह: चुनौतियां और अवसर (Future of AI Hiring Bias: Challenges and Opportunities)
आगामी चुनौतियां (Upcoming Challenges)
- जटिल AI मॉडल्स (Complex AI Models): अधिक जटिल और अपारदर्शी AI मॉडल्स (जैसे डीप लर्निंग) पूर्वाग्रह को पहचानना और कम करना कठिन बना सकते हैं
- AI में बढ़ता निवेश (Increasing Investment in AI): भारत सहित देशों में AI में बढ़ता निवेश बिना उचित नियामक ढांचे के जोखिम बढ़ा सकता है
- नए प्रकार के पूर्वाग्रह (New Types of Bias): तकनीकी विकास के साथ नए प्रकार के पूर्वाग्रह सामने आ सकते हैं
उभरते अवसर (Emerging Opportunities)
- निष्पक्ष AI (Fair AI): निष्पक्ष और न्यायसंगत AI मॉडल्स का विकास जो भेदभाव को कम करते हैं
- विनियामक प्रगति (Regulatory Progress): भारत और अन्य देशों में AI नियमों का विकास जो पूर्वाग्रह को संबोधित करते हैं
- कंबाइंड इंटेलिजेंस (Combined Intelligence): मानव और AI के सहयोग से बेहतर निर्णय लेना संभव
निष्कर्ष: एक संतुलित दृष्टिकोण की ओर (Towards a Balanced Approach)
AI नौकरी भर्ती में पूर्वाग्रह (AI Hiring Bias) एक जटिल और बहुआयामी मुद्दा है, विशेष रूप से भारत जैसे विविध देश में। जहां AI ने भर्ती प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाया है, वहीं यह नए प्रकार के पूर्वाग्रह और भेदभाव भी ला सकता है।
संतुलित दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है: AI की क्षमताओं का लाभ उठाना, जबकि मानवीय मूल्यों, विविधता और समानता को सुनिश्चित करना। नियोक्ताओं, प्रौद्योगिकी विकासकर्ताओं और नियामकों को मिलकर ऐसे समाधान
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